कुछ और
है जिन्दगी खूब अच्छी, कुछ बेहतरीन ये और होगी
है बहुत खूबसूरत ये, कुछ हसीन ये और होगी
कुछ देर तक मैने सोचा, एक रंग भरी तस्वीर बनाकर
कुछ कोशिश मैं और करुं, कुछ रंगीन ये और होगी
आसमां छू लेने की, ख्वाहिश भी मुमकिन है मगर
कुछ ख्वाहिश ये और बढ़े, कुछ मुमकिन ये और होगी
नमस्कार, तो यहाँ से होती है शुरूआत, मेरे सफर की,
हिन्दी चिठ्ठा जगत में। कोशिश करुंगा लिखता रहुँ हमेशा..
आपके लिये, सबके लिये। फिर मिलते हैं।
विदा
3 Comments:
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स्वागत है प्रदिपजी. लिजीए आप भी आपणु अमदावाद से हैं, हम भी. सारु छे. आवजो.
enjoyed your blog. do write to me : yuvany@aol.com
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